बुध की हमारे जीवन में क्या भूमिका है? जानें इसे मजबूत करने के सरल उपाय 

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बुध का काफी महत्व है। बुध, बुद्धि का कारक है। सामाजिक जीवन में, पारिवारिक जीवन में, आध्यात्मिक जीवन में या किसी अन्य क्षेत्र में अच्छे बुध वाला व्यक्ति उत्तम निर्णय लेकर सदैव उचित कार्य करता है।

बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। इस ग्रह के मजबूत होने से करियर में अच्छी तरक्की हासिल होती है। वहीं इसके कमजोर होने से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।जब व्यक्ति की कुंडली में बुध दोष होता है तो व्यक्ति के बोलने की क्षमता प्रभावित होती है। जिस कारण वह साफ नहीं बोल पाता।

बारह राशियों की बात करें तो मिथुन और कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह को माना गया है। बुध त्वचा का भी कारक है, जिन लोगों का बुध अच्छा होता है, उनकी त्वचा अच्छी होती है तथा त्वचा रोग नहीं होता है।

बुध से जुड़ी पौराणिक कथा

चंद्र, तारा, बृहस्पति और बुध का जन्म

बृहस्पति को सभी देवों के गुरु के रूप में जाना जाता है। इस स्थिति के कारण वह हमेशा देवों के साथ व्यस्त रहते थे। उनकी समस्याओं को हल करते थे और उन्हें महत्वपूर्ण मामलों पर सलाह देते थे। चूंकि बृहस्पति हमेशा देवों से घिरे रहते थे। इसलिए उनकी पत्नी तारा ने उनके द्वारा अपने आप को उपेक्षित महसूस किया करती थी। एक दिन चंद्रमा के देवता चंद्र कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर सलाह लेने के लिए बृहस्पति से मिलने आए। हालांकि अपनी यात्रा के दौरान उसने तारा को देखा और जैसे ही उसकी नज़र उस पर पड़ी। चंद्र उसकी सुंदरता पर मंत्रमुग्ध हो गया और उसने खुद से सोचा कि यह महिला बृहस्पति के समान बुढ़ी बल्कि बृहस्पति से आयु में काफी छोटी है और चंद्र की क्यों नहीं है? इसलिए उसने तारा को छल या बल से पाने का फैसला किया। चंद्र ने तारा को पाने के लिए उस पर जादू कर दिया और उसे सम्मोहित करने की भी कोशिश की। सम्मोहन काम कर गया और तारा को चंद्र ने बुलाया। चंद्र ने आगे चलकर तारा के साथ भाग जाने की योजना बनाई।

जब बृहस्पति को इस बात का पता चला तो वह चंद्र से बहुत नाराज होने के साथ-साथ क्रोधित भी हुए। बृहस्पति आगे चलकर चंद्र के पास गए और उनसे तारा को वापस लौटाने को कहा। हालांकि चंद्र अहंकारी था और उसने बृहस्पति के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। दोनों देवता एक बहस में पड़ गए और यह इतना बुरा हो गया कि वे युद्ध के लिए जाने वाले थे। युद्ध में देवों ने बृहस्पति का और असुरों ने चंद्र का साथ दिया। हालांकि भगवान ब्रह्मा को इस बारे में पता चल गया और युद्ध को रोकने के लिए तुरंत चंद्र के पास गए। उन्होंने चंद्र से तारा को बृहस्पति को वापस करने के लिए कहा। चंद्र ब्रह्म देव के आदेश को टाल नहीं सकते थे। जिसका अर्थ है कि उन्होंने तारा को वापस बृहस्पति को लौटा दिया। हालांकि उस समय तक तारा चंद्र के बच्चे के साथ पहले से ही गर्भवती थी। बृहस्पति ने यह देखकर तारा से पूछा कि उसका पिता कौन है तो तारा ने बताया कि वह चंद्र है। बृहस्पति इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने बच्चे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बच्चे का जन्म हुआ और बाद में उसे बुध के नाम से जाना जाने लगा। बाद के समय में बृहस्पति ने बुध की बुद्धिमत्ता और बुद्धि की प्रशंसा की और फिर उसे अपनाने के लिए आगे बढ़े। बुध ने बृहस्पति को अपने पिता के रूप में देखा और चंद्र के प्रति घृणा और नफरत की भावना रखते थे। 

बुध से संबंधित व्यापार-व्यवसाय

बुध, टेलीफोन, टेलीग्राफ, ई मेल, कूरियर और अन्य प्रकार की पोस्ट से संबंधित कार्यों को भी नियंत्रित करता है। अच्छी तरह से मजबूत बुध लेखकों, ज्योतिषियों, न्यूज़ रिपोर्टरों, मीडिया ,गणितज्ञों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, वकीलों, डीलरों, दलालों, व्यापारियों, आदि की कुंडलियों में देखा जाता है। इसी प्रकार, कई सफल कलाकार, मूर्तिकार की जन्म कुंडली में भी बुध की अच्छी स्थिति देखने को मिलती है।

बुध ग्रह के अशुभ होने पर मिलते हैं ये संकेत

  • आय से अधिक व्यय होना और कर्ज में डूबना, ये सभी कुंडली में बुध की अशुभ स्थिति को दर्शाता है। यदि आप धीरे-धीरे कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे हैं तो यह बुध ग्रह के कमजोर होने का संकेत है।
  • बुध ग्रह का संबंध त्वचा से भी होता है। इसलिए त्वचा संबंधी रोग भी कुंडली में बुध ग्रह की अशुभ स्थिति के संकेत हैं।
  • जिस जातक की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, उसके बोलने की क्षमता भी कमजोर पड़ने लगती है। वह अपनी बात को किसी के सामने सही तरीके से रखने में सक्षम नहीं होता।
  • जिस जातक की कुंडली में बुध मजबूत होता है वह कार्यक्षेत्र में खूब कामयाबी हासिल करता है। लेकिन बुध के कमजोर होने पर उसे शिक्षा, नौकरी और व्यापार से जुड़े क्षेत्र में खूब मेहनत के बाद भी कामयाबी नहीं मिल पाती।

 यदि आपकी कुंडली में भी बुध संबंधी दोष है तो उसे दूर करने और उसकी शुभता को पाने के लिए उपायों में से कोई भी उपाय आप कर सकते हैं.

  • यदि अप अपनी कुंडली में बुध ग्रह की शुभता को पाना चाहते हैं तो बुधवार के दिन तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी प्रतिदिन सेवा करें.
  • कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं.
  • कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए अधिक से अधिक चौड़े पत्ते वाले पौधे लगाएं और संभव हो तो इसका दान भी करें.
  • बुधवार के दिन घर के मुख्य द्वार पर पंचपल्लव का तोरण लगाने से बुध ग्रह की शुभता प्राप्त होती है.
  • बुधवार के दिन यदि आपको कोई किन्नर मिले तो उसे भूलकर भी नाराज न करें बल्कि यथाशक्ति धन देकर उससे आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करें.
  • कुंडली में बुध ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए बुधवार के दिन किसी किन्नर को विशेष रूप से हरे रंग के वस्त्र में कुछ रुपये रखकर किसी किन्नर को दान करें.
  • बुधवार के दिन देवी दुर्गा के मंदिर में जाकर हरे रंग की चूड़ियां चढ़ाएं और संभव हो तो 09 कन्याओं को हरे रंग का रुमाल या वस्त्र बांटें.
  • बुधवार के दिन गणेश जी के मंदिर में जाकर साबुत हरी मूंग को हरे रंग के कपड़े में बांधकर श्रद्धा और विश्वास के साथ चढ़ाएं.
  • बुध ग्रह की शुभता को पाने के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े पहनें. यदि ऐसा करना आपके लिए मुश्किल हो तो आप कम से कम हरे रंग का रुमाल, मोजे या फिर टाई आदि का प्रयोग कर सकते हैं.
  • बुध ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के लिए बुधवार के दिन छेदवाला तांबे का सिक्का या टुकड़ा लेकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें.
  • बुधवार के दिन मिट्टी का खाली घड़ा बहते जल में प्रवाहित करने पर भी बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर होता है.
  • बुध ग्रह की शुभता पाने के लिए पन्ना रत्न धारण करना एक अच्छा उपाय है, जिसे आप अंगूठी या लॉकेट आदि के रूप में धारण कर सकते हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेना न भूलें.
  • बुध ग्रह से जुड़े ​दोष को दूर करने के लिए बुधवार के दिन सभी प्रकार की विघ्न–बाधाओं को दूर करने भगवान गणेश की पूजा अत्यंत ही शुभ मानी गई है.

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