सूर्य देता है नौकरी, बिजनेस, राजनीति ज्योतिष में सूर्य देवता को ग्रह सम्राट की उपाधि प्राप्त है। क्योंकि उनका स्वभाव राजाओं जैसा है। इसलिए जो लोग सूर्य देव के प्रभाव से प्रभावित होते हैं उनके अंदर राजसी गुण होते हैं। वह सभी भौतिक सुखों का आनंद लेता है। साथ ही, वे आत्मविश्वासी और दूरदर्शी होते हैं। इसके साथ ही सूर्य देव को मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, सरकारी नौकरी और पिता का कारक माना जाता है। इसलिए ज्योतिष में सूर्य की स्थिति को जितना प्रमुख माना जाता है, वास्तु में सूर्य की दिशाओं का पालन करना उतना ही आवश्यक माना जाता है। क्योंकि सूर्य की ऊर्जा सकारात्मकता का कारक है और इसकी ऊर्जा मानव जीवन में रोशनी लाती है। आइए जानते हैं सूर्य से जुड़े kahani
प्राचीन भारतीय ग्रंथों व वेदों के अनुसार सूर्य को देवता का स्थान प्राप्त है। सभी ग्रहों में अतुलनीय सूर्य की श्रेष्ठता को देखते हुए प्राचीन ऋषि मुनियों ने सूर्यदेव को जगत जीवात्मा की संज्ञा दी है। एक प्राचीन किंवदंती के अनुसार दक्ष प्रजापति की दिति एवं अदिति नाम की दो कन्याओं का विवाह कश्यप मुनि के साथ हुआ। अदिति के गर्भ से सूर्य का जन्म हुआ। इस कारण वेदों में सूर्य को आदित्य के नाम से भी जाना जाता है। भगवान सूर्य की दो पत्नियाँ संज्ञा और छाया है। इनमें माना जाता है कि छाया के गर्भ से ानि का जन्म हुआ तया संज्ञा से सूर्यदेव को पुत्र यम और पुत्री यमुना की प्राप्ति हुई है
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
1 सूर्य पृथ्वी की दूरी से लगभग एक सौ उन पचास लाख (1490000) किमी. दूर है। इसका व्यास तेरह लाख बयानवें हजार ( 139200) किलामीटर है और इसका जो भाग दिखाई देता है वहाँ पर ताप छह हज़ार (6000) डिग्री सैल्सियस होता है जबकि सूर्य के भीतर का ताप लगभग एक करोड तीस लाख (13000000) डिग्री सेल्सियस होता है।
सूर्य अधिकांशतः हाइड्रोजन गैस का गोला है लेकिन इसके भीतर अत्यधिक ताप के कारण ताप-नाभिकीय अभिक्रिया (Thermo Nuclear Reaction) होती है जिससे हाइड्रोजन गैस हीलियम में बदल जाती है। इस अभिक्रिया में अपार ऊर्जा उत्पन्न होती हैं। इसी कारण सूर्य को ऊर्जा का बृहद् स्त्रोत माना जाता है। सूर्य में वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर 90 प्रतिशत हाइड्रोजन, 8 प्रतिशत हीलियम और 2 प्रतिशत भारी तत्वों का सम्मिश्रण माना जाता हैं।
सूर्य ग्रह को अन्य सभी ग्रहों का राजा माना गया है. मान्यता है कि जिस भी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उनके जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी या देवता की आराधने के लिए समर्पित होता है. रविवार के दिन सूर्य देव की आराधना करना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन उनसे जुड़े उपाय करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपना विशेष आशीर्वाद बनाए रखते हैं.
ऐसा कई बार होता है कि आपके बनते हुए कार्य बिगड़ जाते हैं, या उसमें अनचाही अड़चने आने लगती है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली में दोष होना भी इसके पीछे का मुख्य कारण हो सकता है. विशेष तौर पर अगर आपकी कुंडली में सूर्य से जुड़ा कोई दोष है तो रविवार के दिन ये उपाय अवश्य करें. इससे आपके जीवन में आने वाले कष्ट दूर हो जाएंगे. आइए जानते हैं कुंडली में कमजोर सूर्य से जुड़ें कुछ उपाय.
कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत करने के उपाय
- ज्योतिष के अनुसार रविवार के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें. इसके बाद एक साफ लोटे में जल लेकर उसमें थोड़े अक्षत, फूल और दूर्वा डालें और उस जल से सूर्य को अर्घ्य दें. माना जाता है कि ऐसा निरंतर करने से सूर्य ग्रह से जुड़े दोष कम हो जाते हैं.
- ज्योतिष के अनुसार कुंडली से जुड़े दोष को दूर करने के लिए रत्न धारण करना भी लाभकारी माना जाता है. यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपके लिए माणिक्य रत्न धारण करना शुभ माना जाता है. इस बात का खास ध्यान रखें कि बिना किसी ज्योतिष के सलाह के आप रत्न धारण न करें.
- धार्मिक मान्यता के अनुसार पीपल के पेड़ की पूजा करने से भी सूर्य से जुड़े दोष दूर होते हैं. रविवार के दिन, सूर्यास्त होने के बाद पीपल के पेड़ के पास तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं.
- जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह से जुड़े दोष होते हैं उन्हें रविवार के दिन व्रत रखना चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि रविवार के दिन नमक का सेवन न करें.
5. राशि संबंध
सूर्य सिंह राशि का स्वामी हैं।
6. शुभत्व विचार
सूर्य प्रथम ग्रह कहलाता है।
7. कारक
सूर्य से आत्मा, पिता, स्वभाव, लक्ष्मी, सामर्थ्य एए आरोग्यता का विचार किया जाता हैं। जन्म पत्रिका में स बलवान हो तो ऐश्वर्य, शौर्य, मान, कीर्ति, दैविक व नैति सद्गुण, आरोग्य एवं अधिकार प्राप्त होते हैं। सूर्य के प्रभ से मनुष्य उदार, सत्य काम की अभिलाषा करने वा प्रतिभा सम्पन्न और गरीबों पर दया करने वाला होता
सूर्य जन्म-पत्रिका में निर्बल हो तो जातक अभिमानी, एक की बड़ाई करने वाला एवं अधिकार का दुरुपयोग क बाला होता है।
10. रंग
सूर्य का रंग लाल माना गया है।
11. धातु
सूर्य ग्रह की धातु सोना है।
12. सूर्य आत्मा है जिसकी उर्जा से शरीर चलता है।