कन्या राशि को सभी राशियों में सुंदर राशि और सुंदरता की कद्र करनेवाली राशि माना जाता है। इसका कारण यह है कि इस राशि का प्रतिनिधित्व एक कन्या करती है। इस राशि के जातकों की खूबी है कि ये हर काम को खूबसूरती से पूरा करते हैं। इस राशि का जातक महिला हो या पुरुष, किसी बात को ये मन में दबकर रखना बहुत अच्छी तरह जानते हैं।
कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है। इस राशि के लोग स्वभाव से बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं। ये बहुत भावुक होते हैं और दूसरों की हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखते हैं। ये लोग दूसरों को खुश रखते हैं। ज्यादातर मामलों में ये दिमाग की जगह दिल से काम लेते हैं।
कन्या राशि वाले जातकों का स्वभाव कुछ-कुछ सरल और कुछ-कुछ कठोर होता है। ऐसे जातकों को प्रकृति से लगाव होता है, इसीलिए इन्हें बागवानी करना और खूबसूरत पौधों की देखभाल करना बेहद पसंद होता है। ये लोग अपने उतावलेपन और जल्दबाज़ी के कारण अकसर मुसीबत में फंस जाते हैं। इनके स्वभाव की सबसे बड़ी कमी यह होती है कि ये बेहद स्वार्थी होते हैं और दूसरों की सलाह को महत्व नहीं देते जिसकी वजह से इन्हें संकट का सामना करना पड़ता है। अक्सर ये दूसरों का मजाक उड़ाने में आनंद लेते हैं, जिसकी वजह से आए दिन इनके संबंध खराब हो जाते हैं। यदि इस राशि का जातक Business करना चाहता है तो उसे दूसरों के साथ partnership होकर ही Business शुरुआत करनी चाहिए। संभावना है कि अपने परिश्रमी स्वभाव, दृढ़ इच्छा-शक्ति और संकल्प की वजह से इनका व्यापार सफल हो जाए।
दूसरों की आलोचना करके अपने लोगों से ही अपना बात-व्यवहार बिगाड़ लेते हैं। उसको सुधारने में फिर काफी समय लगता है। इसके अलावा इनका सबसे बड़ा दुर्गुण बातों को बढ़ा-चढ़ाकर कहने की है। इसकी वजह से कभी-कभी ये हास्यास्पद वाली स्थिति में आ जाते हैं।
कन्या राशि के जातकों का कद औसत ऊंचाई का होता है। इस राशि के लोगों की त्वचा का रंग पीला, माथा ऊंचा, आंखें सुंदर और मुंह संवेदनशील होता है। इस राशि वालों के हाथ सुडौल और चौड़े होते हैं। इनका अंगूठा थोड़ा छोटा होता है और हथेली पर सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा ज़्यादा रेखाएं होती हैं। इनके सामने वाले दांतों के बीच में थोड़ा अंतर होता हैं औ
कन्या राशि के लोगों के लिए पृथ्वी और जल तत्व राशियों के अनुकूल माना जाता है। जब कन्या राशि के लोग वृषभ, कर्क, वश्चिक और मकर राशि के साथ संबंधों में आते हैं, तो उनके बीच अद्भुत तालमेल देखने को मिलता है। इन राशि के लोगों में विचार और करुणा के आधार पर एक श्रेष्ठ जोड़ी बनाने की क्षमता होती है। अन्य राशियों की बात करें तो मिथुन, तुला और धनु जैसी राशियों के साथ कन्या के बेहतर संबंधों की उम्मीद नहीं की जा सकती।
कन्या राशि की कठोरता, जिद्दीपन और आलोचना की आदत इन राशियों के साथ तालमेल बैठाने में नुकसान पहुंचाने का काम करती है। इन राशियों के साथ कन्या के संबंधों में खटास आने लगती है और समय के साथ-साथ ये मैच असफल हो जाते हैं। राशि चक्र की आखिरी राशि मीन के साथ कन्या के संबंधों की बात करें तो, इनके बीच भी संबंध एवरेज रहते है, क्योंकि इनके आपसी संबंध पूरी तरह कम्युनिकेशन पर निर्भर करते हैं। इनके रिश्तों में कभी अपार प्रेम देखने को मिलता है, तो कभी तीखी नोंक-झोंक।
कन्या – ग्रीन (हरा)
बुध का प्रिय रंग हरा है और बुध कन्या राशि का स्वामी है, इसलिए माना जाता है कि हरा रंग कन्या राशि के लोगों की लाइफ में पाॅजिटिव वाइब्स पैदा करता है। हरा रंग प्रकृति का भी सूचक है, इसीलिए इसे मेंटल पीस के साथ भी जोड़कर देखा जाता है। यदि कन्या राशि के लोग अपनी डे टू डे की लाइफ में हरे रंग का उपयोग करते हैं, तो उन्हें अपनी मानसिक उथल-पुथल से भी निजात मिलती है।
कन्या का रत्न – पन्ना (एमरल्ड)
कन्या राशि के लोगों के लिए पन्ना भाग्यशाली रत्न माना गया है। एमराल्ड यानी पन्ना पहनने से लाइफ की अनिश्चितता को कम करने में मदद मिलती है, और जीवन निश्चितता की ओर आगे बढ़ता है। पन्ना बल और आरोग्य देने का भी काम करता है, पन्ना आपकी गृहस्थ जीवन के लिए भी उपयोगी माना गया है। इसे पहनने से घर में अन्न और धन – धान्य भरा रहता है। आंखों से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी पन्ना एक बेहतरीन रत्न है। हालांकि किसी भी रत्न को कुंडली के अन्य ग्रहों के विश्लेषण के आधार पर ही पहनना चाहिए।
भाग्यशाली दिन और नंबर
बुधवार, 5