राहु एक क्रूर और छाया ग्रह है लेकिन कूटनीति का सबसे बड़ा ग्रह भी माना जाता है और यह कड़े संघर्ष के बाद अच्छी सफलता दिलाता है, ऐसा कई महापुरुषों की कुंडली में देखने को मिला है। वहीं कुंडली में अगर राहु की स्थिति सही नहीं है तो व्यक्ति को आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव आदि कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि राहु के खराब होने से कई डिप्रेशन, बाल झड़ना, मानसिक तनाव, नाखून टूटना आदि कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत करने के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं राहु के खराब होने पर कौन से रोगों का सामना करना पड़ता है और इससे बचने के लिए कौन से उपाय किए जाते हैं. राहु पूरी तरह से नकारात्मक ग्रह होता है और नुकसान ही पहुंचाता है. ये छाया की तरह हर ग्रह के प्रभाव को कमजोर कर देता है.
पौराणिक कथा
पुराणों में यह प्रसंग अत्यंत लोकप्रिय है कि एक बार देवताओं और दानवों ने जब वासुकी नाग की सहायता से समुद्र मंथन किया तब अन्य रत्नों के साथ अम त भी निकला। जब भगवान विष्णु देवताओं को अमृत पिला रहे थे तब देवता पंक्तिबद्ध होकर बैठे थे।
एक दानव, देवताओं के वेश में इस पंक्ति में बैठ गया और उसने भी अमृत पी लिया। सूर्य और चन्द्रमा द्वारा जब इस सत्यता को बताया गया तो भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से इस दानव का सिर काट दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
अमृत के प्रभाव से ये दानव अमर हो गया। तब ब्रह्माजी ने कटे हुए सिर को राहू और उसके धड को केतु नाम का ग्रह बना दिया। उसके शरीर के दोनों भाग जीवित रहें
। मत्स्यपुराण के अनुसार पृथ्वी की छाया मण्डलाकार होती हैं। राहू इसी छाया के साथ-साथ भ्रमण करता है। ऋग्वेद के अनुसार राहू जब सूर्य और चन्द्रमा को अंधकार से युक्त कर लेता है तब इतना अंधेरा छा जाता है कि लोग अपने स्थान को भी नहीं पहचान पाते। ग्रह बनने के उपरांत भी राहू बैर-भाव से पूर्णिमा को चन्द्रमा और अमावस्या को सूर्य पर आक्रमण करता है। इसे ग्रहण या राहू पराग कहते हैं।
4. वैज्ञानिक दृष्टिकोण
राहु की गणना ग्रहों में की जाती है किन्तु यह ग्रह नहीं है। राहु अप्रकाश ग्रह या छाया ग्रह हैं। आकाश में यह नहीं दिखता हैं एवं इसका कोई आकार नहीं है। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है एवं चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है। पृथ्वी की परिक्रमा की परिधि को चंद्रमा अपनी परिक्रमा में दो जगह काटता हैं इनमें से ऊपर से नीचे आने वाले बिंदु को राहु (Ascending Node) कहते हैं एवं नीचे से ऊपर आने वाले बिन्दु को केतु (Descending Node) कहते हैं। राहु ग्रह बिंदु मात्र है एवं सदा सूर्य से उल्टी दिशा (वक्रीय) में भ्रमण करता है। यह केतु से सदा 6 राशि एवं 180 अंश दूरी पर रहता हैं।
राहु के अशुभ होने के संकेत
- जब अचानक से आपके तेजी से नाखून के अलावा बाल गिरने लगे, तो समझ लें कि कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ है।
- अगर घर में मौजूद पालतू जानवर या फिर पक्षी अचानक मर जाता है, तो समझ लें कि राहु की अशुभ छाया है।
- परिवार के सदस्यों के बीच बिना किसी बात के मनमुटाव बढ़ता जा रहा है, तो यह भी राहु की अशुभ स्थिति के कारण होता है।
- घर के आसपास बार-बार मरी हुई छिपकली या फिर सांप दिखाई देता है, तो समझ लें कि राहु की अशुभ छाया पड़ रही है।
- दिमाग असंतुलित हो जाना। जिसके कारण अधिकतर भ्रमित रहना।
- हर एक छोटे से लेकर बड़े काम में किसी न किसी तरह के रुकावट आना।
राहु के खराब होने से होने वाले रोग
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि कुंडली में अगर राहु की स्थिति सही नहीं है तो व्यक्ति को सबसे पहले गैस से संबंधित समस्या होने लगती है और धीरे धीरे बढ़ने लगती है। वहीं बवासीर और पेट संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। राहु के अशुभ प्रभाव के शुरुआती चरण में ऐसी स्थिति बनने लगती है।
राहु ग्रह की स्थिति कुंडली में सही ना होने पर व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं और धीरे धीरे व्यक्ति गंजा होने लगता है। साथ ही कोई ना कोई समस्या बनी रहने से मस्तिष्क में पीड़ा या सिर दर्द बना रहता है। व्यक्ति को जीवन में जब इस तरह की समस्या शुरू हो जाएं तो समझ लें कि राहु के अशुभ प्रभाव की वजह से इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कैसे पता चलेगा कि किस घर में कौन सा राहु है
राहु के लिए सबसे अच्छी स्थिति दसवें घर में है। राहु वास्तव में भौतिकवादी ग्रह है और 10 वां घर भी भौतिकवादी घर है, इसलिए इसे राहु के लिए सबसे अच्छी स्थिति में से एक माना जाता है। यह व्यक्ति को सभी सांसारिक प्रसिद्धि, दृढ़ इच्छाशक्ति, अपार धन, उच्च प्रतिष्ठित लोगों के साथ अच्छे संपर्क प्रदान करता है।
राहु को शुभ बनाने के लिए करें ये उपाय
- सरस्वती माता और हनुमानजी की पूजा करें।
- सिर में चोटी वाले स्थान पर बाल बांधकर रखें।
- जौ या अनाज को दूध में धोकर बहते पानी में बहा दें।
- सोते समय सिर के पास किसी पात्र में जल भरकर रखें और सुबह किसी पेड़ में डाल दें, यह प्रयोग 43 दिन तक करते रहें।
क्या राहु के लिए चांदी अच्छी है
राहु से जुड़े अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए चांदी का सांप बना लें और विधि-विधान से उसकी पूजा कर किसी मंदिर में दान कर दें। राहु के अशुभ फल को दूर करने के लिए हो सके तो दाहिने हाथ में चांदी का कंगन और गले में चांदी की चेन धारण करें।
जो लोग राहु के दोष से परेशान हैं उन्हें अधिक से अधिक नीले वस्त्र पहनने चाहिए। ऐसे लोगों को शराब और मांस का एकदम त्याग कर देना चाहिए। राहु के दोष से पीड़ित लोगों को अधिक से अधिक सात्विकता का पालना करना चाहिए। राहु के दोष में शिव साहित्य, शिवपुराण आदि का पाठ करने से विशेष लाभ होता है।
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