इजराइल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच जिस तरह संघर्ष जारी है और दोनों तरफ से बड़े हमले हो रहे हैं, उसे देखते हुए लोगों को डर सता रहा है कि कहीं यह यूक्रेन-रूस युद्ध जैसा लंबा न खिंच जाए. जानें इस जंग में किसका पलड़ा रहेगा भारी और किसे झेलना पड़ेगा बड़ा नुकसान
इजराइल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच शुरू हुए संघर्ष जिस तरह लगातार बढ़ता ही जा रहा है उसे देखते हुए देश-दुनिया के लोगों को रूस और यूक्रेन जैसे युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है. इस युद्ध में जान-माल के नुकसान के साथ लोगों के मन में इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा और कौन ज्यादा प्रभावित होगा? साथ ही इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि यह लड़ाई कुछ दिनों तक चलने के बाद खत्म हो जाएगी या फिर यह तनाव लंबे समय तक जारी रहेगा. सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहे हैं कि इस विवाद में इजारइल या फिलीस्तीन को कितना नुकसान होगा. आइए इन सभी सवालों के जवाब ज्योतिष के जरिए जानने की कोशिश करते हैं.
क्या कहते हैं इजराइल के सितारे
इजराइल की राशि वृष, हमास की राशि कर्क और फिलीस्तीन की राशि धनु है. हमास और इजराइल के बीच संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब कर्क राशि में चंद्रमा आया. हमास फिलीस्तीन की हिडेन संस्था है. फिलीस्तीन के आठवें घर में कर्क राशि आती है और इसने इजराइल पर सबसे बड़ा हमला किया है. ग्रहों की स्थिति को देखें तो वर्तमान में फिलीस्तीन ज्यादा अच्छी स्थिति में चल रहा है और उसकी मजबूती अभी कुछ और दिन तक बनी रहेगी. सितारों की मानें तो आने वाले 10-12 दिन तक हमास और फिलीस्तीन का पलड़ा भारी रहने वाला है.
कब तक चलेगा युद्ध
फिलहाल हमें युद्ध की भीषण स्थिति ही देखने को मिलेगी. हमास के हमले अभी जारी रहेंगे, लेकिन 15-20 दिनों के बाद इजराइल इस युद्ध को लीड करेगा और यह लड़ाई पूरे महीने चलती ही रहेगी. 30 अक्टूबर को जब राहु मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा तो इस लड़ाई कुछ कमजोर होती नजर आएगी और इजराइल एक बार फिर से मजबूती से उभरता हुआ नजर आएगा
कब-किधर बढ़ेगा तनाव
हमास और इजराइल के बीच का संघर्ष यूक्रेन और रूस जैसा लंबा नहीं खिंचेगा लेकिन इजराइल को इस पूरे विवाद में जान-माल और छवि को खासा नुकसान झेलना पड़ेगा. हालांकि राहु के मीन राशि में गोचर के बाद भारत के उत्तरी क्षेत्र में तनाव बढ़ता हुआ नजर आएगा. यानि रूस-यूक्रेन वार बढ़ेगा और इधर भारत-चीन का विवाद बढ़ सकता है.
किस ग्रह के कारण बनी तनाव की स्थिति
साहस और पराक्रम के कारक ग्रह मंगल ने अपने ही चित्रा नक्षत्र के साथ 3 अक्टूबर को अपनी शत्रु राशि तुला में प्रवेश किया और उसके चंद दिनों बाद ही 7 अक्टूबर को इजराइल और हमास के बीच युद्ध छिड़ गया. मंगल के अपने ही नक्षत्र में होने के कारण पराक्रम के रूप में युद्ध की स्थिति तो बनी परन्तु शत्रु राशि शुक्र में संचरण करने के कारण यह पराक्रम सकारात्मक नहीं बल्कि नुकसानदायक रहा, जिसने हजारों लोगों की जान ले ली.
कब तक का समय है कठिन
कर्म कारक शनि 15 अक्टूबर को मंगल के धनिष्ठा नक्षत्र में परिवर्तन परिवर्तन करने जा रहा है, जो 24 नवम्बर तक धनिष्ठा नक्षत्र में रहेंगे. कर्म कारक ग्रह शनि का पराक्रम के कारक ग्रह मंगल के नक्षत्र में युद्ध की स्थिति को बढ़ाएगा. जिससे इजराय और हमास के बीच छिड़ा युद्ध लम्बा चल सकता है. विशेषकर तब तक जब तक कि शनि धनिष्ठा नक्षत्र में संचरण करेंगे. सूर्य भी 17 अक्टूबर को अपनी नीच राशि शुक्र में मंगल के साथ प्रवेश तक जाएंगे. इस तरग लगभग 16 नवम्बर तक का समय विश्व शांति की दृष्टि से ठीक नहीं रहेगा.
तब बिगड़ सकती है और स्थिति
राहु ग्रह और बृहस्पति ग्रह पर कुम्भ राशि में चल रहे शनि की तीसरी दृष्टि है और केतु की सप्तम दृष्टि है. केतु पर राहु और बृहस्पति की सप्तम दृष्टि है. जब मंगल ग्रह 18 अगस्त 2023 दोपहर 3 बज कर 55 मिनट पर कन्या राशि पर तो मंगल की अष्टम दृष्टि राहु और बृहस्पति पर पड़ना शुरू हुई थी तभी से प्राकृतिक और अन्य प्रकार की दुर्घटनाओं और मार काट में वृद्धि हो गई थी, लेकिन 3 अक्टूबर को मंगल ग्रह के तुला राशि में प्रवेश करते ही राहु, बृहस्पति, केतु और शनि के योग पर मंगल की सप्तम और पूर्ण दृष्टि पड़ते ही हमास ने इजराइल पर आक्रमण कर दिया है.
यहां बृहस्पति के रहने से कुछ गनीमत है अन्यथा स्थिति और विस्फोटक हो सकती थी. इस विवाद में अन्य देश भी कूद सकते हैं. 17 अक्टूबर रात्रि 1 बज कर 19 मिनट पर सूर्य के अपनी राशि तुला में आते ही स्थिति और बिगड़ सकती है. सूर्य 24 अक्टूबर तक राहु के नक्षत्र स्वाति में प्रवेश करेगा यह भी आग में घी काम करेगा. इस प्रकार की यह स्थिति 16 नवंबर 2023 तक रहने की संभावना है.